नगरपालिका अध्यक्ष रहते हुए
महिलाओं से संबंधित अनेक कार्य किये जिसमे मुख्यरूप से आद्य महिला समिति का गठन किया जिसमें महिलाओं को कपड़े सिलने, आचार बड़ी पापड़ बनाने, मसाले पीसना, दलिया बनाने के प्रशिक्षण के माध्यम से आत्मनिर्भर बनाने का प्रयास किया।
महिलाओं की सुरक्षा से संबंधित कार्य किये विभिन्न रचनात्मक एवं सामाजिक कार्यो के माध्यम से सभी वर्ग की महिलाओं को एक मंच पर लाने का कार्य किया ।
छतरपुर नगर में पहली बार गरबे का आयोजन का प्रारम्भ हम लोगो ने मिलकर किया जिसमे ऐसी बच्चियों को शामिल किया जिनका सपना होता था कि वह भी ऐसे कार्यो में सहभागी बने चाहे सब्जी बेचने वाले कि बच्ची हो या टैक्सी-ठेला चलाने वाले मजदूर हो या अन्य समाज की बेटी हो बिना भेदभाव के सभी को मंच दिया और प्रतिभाओं को निकालने का कार्य किया।
महिलाओं के अधिकार के लिए उनके साथ खड़े होकर न्याय दिलाने का हमेशा कार्य किया अगर महिलाओ।पर अत्याचार हुआ तो हमेशा उनके साथ खड़े होकर न्याय दिलाने की व्यवस्था करी ।
नगर में गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाली महिलाओं को स्व-सहायता समूह बनवाकर उन्हें आत्मनिर्भर व आर्थिक रूप से सक्षम बनाने का कार्य किया ।
महिला होने नाते महिलाओं के दर्द को समझते हुए पानी की जो कमी थी उसको महसूस करते हुए छतरपुर में 2013 में घासान परियोजना का कार्य पूरा कराया जिसमे तत्कालीन कलैक्टर श्री राजेश बहुगुणा जी ने अर्चना भागीरथी का नाम दिया एवम केंद्र व राज्य सरकार द्वारा स्वीकृत अमृत जल परियोजना जिसके तहत आज शहर के हर वार्ड के घरों में नल से जल पहुचाने का कार्य प्रगति पर हैं।
विभिन्न शासकीय परियोजनाओं का लाभ निर्धन और पात्र महिलाओं को मिले उसकी समुचित व्यवस्था कराई और खुशी हुई यह देखकर की इसका लाभ उनको मिला ।
नगर की कुपोषित बच्चियों को गोद लेकर सुपोषित बनाने का कार्य किया मन मे आपार खुशी हुई यह देखकर जब ये बच्चियां अपने आंगन में स्वस्थ होकर खेल रही हैं ।
अपने अभी तक के जीवन मे लगभग 3000 से ज़्यादा बच्चियों का कन्यादान करने का पुण्य कार्य मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ जो कि आगे भी जारी हैं ।
नवरात्रि के पावन पर्व पर बुजुर्ग महिलाओं की बेटी बनकर हर वार्ड में तीर्थ वाहन उपलब्ध कराकर मंदिर दर्शन करवाने का कार्य पूर्ण किया जो कि अभी भी जारी हैं ।
नगर की अनेक आंगनबाड़ियों का हर सप्ताह निरक्षण कर योजनाओं का लाभ दिलाने का कार्य पूर्ण किया तथा 2 आंगनवाड़ी को गोद लेकर उनकी देखरेख की जिम्मेदारी ली ।
अपने कार्यकाल के दौरान यह देखा कि शहर के प्रमुख स्थानों पर महिलाओं के लिए सुलभ शौचालय नही हैं जिस पर तुरंत कार्यवाही करते हुए शहर के प्रमुख स्थानों (बस स्टैंड, डाकखाने, पन्ना नाका, बाज़ार, कलक्ट्रेट) में सुलभ शौचालय का निर्माण पूर्ण कराया।
अपने जन्मदिन को महिलाओ को समर्पित करते हुए महिला सशक्तिकरण दिवस मनाने का निर्णय किया इस कार्यक्रम के माध्यम से शहर की विभिन्न क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाली महिलाओ को सम्मानित किया फिर चाहे वह आदर्श शिक्षिका हो, आदर्श गृहणी हो, आदर्श डॉक्टर हो या आदर्श उद्यमी महिला हो किसी भी क्षेत्र में आदर्श कार्य करने वाली महिला हो ।
समय समय पर कॉलेज की बच्चियों से उनकी बड़ी बहन व भाभी बनकर संवाद स्थापित कर उचित परिवेश देने की कोशिश करी ।
छतरपुर नगर पालिका अध्यक्ष रहते हुए छतरपुर के नगर के सौंदर्यीकरण पर भी विशेष ध्यान देकर समुचित विकास किया, नगर में सड़कों का चौड़ीकरण करते हुए उनमे डिवाइडर का निर्माण किया जिससे जाम एवं दुर्घटना में कमी आई ।
नगर में आधुनिक एवं सभी सुविधाओं से पूर्ण सागर संभाग के पहले ऑडिटोरियम का निर्माण किया ।
शहर में 10 नवीन तथा पुराने पार्को का सौंदर्यीकरण कर पर्यावरण की ओर कार्य किया जिसमें वृक्षारोपण सम्मिलित हैं ।
नगर में वर्षो से बहुप्रतीक्षित बड़े वाहनो की सुविधा हेतु ट्रांसपोर्ट नगर का निर्माण कार्य सम्पन्न कराया।
"ग्रीन सिटी - क्लीन सिटी" का स्लोगन देते हुए नगर में स्वच्छता का जागरण अभियान चलाया जिसमे कचरा गाड़ियों का अभियान, घर घर कचरा कलेक्शन, घर घर मे डस्टबिन वितरण , पॉलीथिन बन्द अभियान, प्रातः के साथ साथ रात्रिकालीन स्वच्छता अभियान एवम विशेष रूप से वृक्षारोपण अभियान सम्मलित हैं ।
विशेषतौर महिलाओ की सुविधा हेतु सातो दिन बाजार लगवाने का कार्य किया ।